गर्भपात को रोकने के लिए आयुर्वेदिक उपाय

हर माँ बाप अपने बच्चे को जन्म देने के लिए बहुत ही उत्सुक रहते हैं तथा वह इसके लिए हर सफल प्रयास भी करते हैं। लेकिन माता पिता को गर्भपात के बाद बहुत ज़्यादा दर्द की घड़ियों से गुज़ारना पड़ता है।

गर्भपात ( Miscarriage) के अनेक कारण हो सकते हैं | हालांकि, गर्भपात (Miscarriage) को पूर्ण रूप से रोका नहीं जा सकता परन्तु अपने रहन सहन तथा जीवन शैली में बदलाव करके कुछ कारणों को ज़रूर रोका जा सकता है।

आपकी गर्भावस्था कितनी स्वस्थ है, यह आपके अपने भ्रूण के लिए बनाये गए वातावरण पर भी निर्भर करती है। इस से तात्पर्य है की आप जितना अच्छा वातावरण अपने भ्रूण के लिए बनाये रखेंगी, आपकी गर्भावस्था पर इसका उतना ही अच्छा प्रभाव पड़ेगा | गर्भपात ( Miscarriage) को अपने प्रयासों से रोकने के लिए भी आपको कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने चाहिए।

इस लेख में हम आपको ऐसी ही कुछ टिप्स देंगे जिस से आप अपने गर्भपात Miscarriage के कारणों को रोक सकते हैं।

सलाह 1

टॉक्सिस गर्भपात (Miscarriage) की एक बहुत बड़ी समस्या है। यदि गर्भधारण के पहले माता अपने गर्भ का डिटॉक्सिफिकेशन करवा ले तो गर्भपात को रोकने में काफी सहायता मिलती है। यानी जब आपका मन और शरीर स्वस्थ रहेगा तो वह बच्चे के लिए भी भ्रूण में एक अच्छा वातावरन बना सकेगा।

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सलाह 2

त्रिफला चूर्ण एक आयुर्वेदिक औषधि है जो की महिलाओं में कई तरह की बीमारियों को ठीक करने में काम आती है और महिलाओं के भ्रूण के असंतुलन को भी ठीक करने में मुख्य रूप से कारगर है। गर्भधारण से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह ले ताकि आप अपने गर्भपात को रोक सकें।

सलाह 3

अमिश्रित तथा साफ़ सुथरा खाना खाये जो की आपके पेट में जाने के बाद आसानी से पांच जाए। ऐसे आहार को स्वस्थ आहार कहा जाता है। प्रेग्नेंसी के दौरान बासी खाना, तेलीय तथा अधिक मसाले वाला खाना नुकसानदायक हो सकते है।

सलाह 4

दर्द व् शरीर के तनावों के कारण शरीर पर दबाब पद सकता है। ऐसी अवस्था में तनाव तथा दर्द से रहित जीना बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाता है। तनाव से दूर रहने के लिए महिलाएं ऑफिस और अन्य जगहों पर अधिक काम न करे व् अधिक रात की पार्टीज और अन्य प्रोग्राम्स में जाने से भी बचें।

सलाह 5

सांस से सम्बंधित व्यायाम करना इस समय में सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद रहता है तथा यह गर्भपात (Miscarriage) को रोकने में भी अहम् भूमिका निभाता है। मैडिटेशन (ध्यान करना) भी गर्भावस्था के समय में काफी कारगर होता है तथा यह मन के सभी तनावों को दूर करना है। इन तरह की व्यायामों को करते रहने से शरीर  तथा भ्रूण स्वस्थ रहते हैं और इस से गर्भावस्था को स्वस्थ रहने में भी सहायता मिलती है।

सलाह 6

गर्भावस्था के दौरान थोड़ी बहुत कसरत करना भी महिलाओं के लिए काफी लाभदायक होता है तथा यह गर्भावस्था के समय शरीर के वजन को भी काबू में रखता है। गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ रहने के लिए डेली वाक और योग करना भी सेहत के लिए काफी फायदेमंद रहता है।

तो ये थ गर्भपात को रोकने के लिए आयुर्वेदिक उपाय जो की महिलाओं के लिए काफी लाभदायक है।

अवष्यक सूचना: किसी भी प्रकार का उपाय करने से पहले कृपा अपने डॉक्टर की सलाह भी जरूर ले धन्यवाद।

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